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SANTOSH ADARSH VIDYA MANDIR

Santosh Adarsh Vidhya Mandir Riyan Badi (Nagaur)

(A Group of Educational Institutes)
Santosh Adarsh Senior Secondary School, Riyan Badi (Hindi & English Medium)
Santosh College, Riyan Badi (B.A. & B.Sc.)
Santosh Adarsh Private ITI, Riyan Badi (Trade – Electrical)
Santosh Play School, Riyan Badi
Santosh Hostel (Separate for Boys & Girls), Riyan Badi
Shree Namdev International Public School, Madanganj-Kishangarh (Ajmer)

संरक्षक - गुलाबचन्द रूणवाल

 बुद्धि, विवेक, विचार-शक्ति समझने की योग्यताओं का विकास हमारी प्रथम प्राथमिकता हैं  सन्तुलित मस्तिष्क का निर्माण बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक हैं  विद्यालय में बालकों को इतिहास पुराण, धर्मशास्त्र, दर्शन एवं साहित्य आदि विषयों के अध्ययन के माध्यम से बच्चों को  संस्कृति से परिचित कराया जाता है। विद्यालय में अनेक सामाजिक सांस्कृतिक और  शैक्षिक गतिविधियों होती रहती है- इन  क्रियाओं द्वारा बालक के चरित्र का विकास होता रहता  है। नैतिक एवं चारित्रिक विकास सामाजिक परिस्थितियों में ही सम्भव है। विद्यालय बालकों को इसके योग्य अपेक्षित परिस्थितियां प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध  है।

संतोष आदर्श विद्या मंदिर आपका हार्दिक आभार प्रकट करता है आपका सहयोग और विश्वास ही हमारा संबल है बच्चे उर्वरभूमि पर लहलहाती फसल है यही कारण है कि संस्था से पास आउट्स स्टूडेंट्स मेडिकल स्ट्रीम में डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ़, पैरामेडिकल क्ष्रेत्र सहित राजस्थान एवं देश के अति प्रतिष्ठित AIIMS में राष्ट्र सेवा कर रहे हैं । टॉप क्लास इंजीनयिर्स, चार्टेड अकाउंटेंटस, कम्पनी सेक्रेटरीज, सेना की तीनों विंगस, पुलिस ,पैरामिलेट्री फोर्सेज, शिक्षा विभाग, बैंकिंग, न्यायपालिका, राजस्व विभाग,लेखा शाखा, कृषि विभाग, पशुपालन, डेयरी उत्पाद सहित अन्य अनेक महत्वपूर्ण विभागों में कार्य कर रहें हैं यानि कि ऐसा कोई विभाग नहीं है जिसमें सन्तोष रत्न अथवा सन्तोष कन्या रत्न कार्यरत न हो । हमें आप पर गर्व है ।

           स्वस्थ नागरिकों का निर्माण, शैक्षिक प्रक्रियाओं में समयानुकूल परिवर्तन, राजनैतिक एवं सामाजिक आवश्यकताओं की पूर्ति, समाज की संस्कृति का संरक्षण , व्यावसायिक और  औद्योगिक प्रगति में सहायक, आदर्शों, मूल्यों, आचार-विचारों, परम्परा आदि का अपने छात्रों के जीवन का अंग बनाने का प्रयास, मानवीय मूल्यों का विकास, भविष्य की चुनौतियों से मुकाबला करने योग्य व्यक्तित्व बनाने  का प्रयास हमारी प्रथम प्राथमिकता है । धन्यवाद !

प्रधानाचार्य (महाविद्यालय) - श्यामसुन्दर रूणवाल

कोषाध्यक्ष - जगदीश रूणवाल

प्रिय विद्यार्थियों विद्वान साथियों और अभिभावकगण आप सभी का मैं हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ , शिक्षा के क्षेत्र में आप सभी के सहयोग का मैं स्वागत करता हूँ ।  सभी साथियों से मैं  निवेदन करता हूँ कि बच्चों के साथ हमारा व्यवहार मित्रवत हो और उनकों हम अच्छी आदतों के साथ जीवन में आगे बढ़ाने का प्रयास करें ।विद्यार्थी  की दैनिक दिनचर्या नियमित होनी चाहिए दैनिक दिनचर्या  में आज का कार्य आज ही सम्पूर्ण कर लेवे ऐसा स्वभाव होना चाहिए । अगर विद्यार्थी को अध्ययन में उच्च स्तरत तक  पहुँचना है  तो कल क्या पढाया है ? और कल क्या पढ़ाएंगे ? इसका भी नियमित रूप से अध्यन करना चाहिए ।

प्रिय अभिभावक महोदय , विद्यार्थियों
हमारा मानना ​​है कि राष्ट्र की प्रगति में शिक्षक और शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हम विद्यार्थियों को नैतिक मूल्यों के साथ उनके शैक्षिक कौशल को विकसित करने हेतु प्रतिबद्ध हैं। इसी क्रम में हम नवीन अवसरों का निर्माण करते हैं जिससे विद्यार्थी के सीखने के लिए प्रेरित होकर शैक्षणिक सन्तुष्टि का अनुभव करते हुए ज्ञान को दूसरों के साथ साझा कर सके। हमारा उद्देश्य उस दिशा की ओर है जिससे चरित्र बनता है, मन की शक्ति बढ़ती है, बुद्धि का विस्तार होता है और जिससे व्यक्ति अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है । आपकी सहभागिता के लिए संस्था आप सभी का हार्दिक अभिवादन, नमन एवं अभिनन्दन करती है ।

प्रधानाचार्या - दिव्या ठाडा रूणवाल
Academic Coordinator - आशीष रूणवाल

सभी का अभिनंदन और आभार लघुत्तम से महत्तम स्वरूप की ओर अग्रसर इस संस्था की अनवरत यात्रा में परम् श्रद्धेय गुरुजनों का अथक परिश्रम, प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का शिक्षा के प्रति सम्पूर्ण समर्पण, सजग-सक्रिय अभिभावकों का अटूट विश्वास तथा असीम स्नेह ,शुभचिंतकों का अतुल्य योगदान रहा है । आपकी सहभागिता के लिए संस्था आप सभी का हार्दिक अभिवादन, नमन एवं अभिनन्दन करती है ।संस्था ने सामाजिक सरोकार निभाते हुए विषम परिस्थितियों में रियाँ बड़ी परिक्षेत्र के शैक्षिक उत्थान को सिद्ध कर दिखाया है । मानवीय मूल्यों के साथ आगामी सत्रों में समाज और राष्ट्र की सेवा हेतु हमारी प्रतिबद्धताएं दिन प्रतिदिन और अधिक पुष्ट हो और हम अपना कर्तव्य निर्वहन अपने सम्पूर्ण कौशल के साथ कर सके । इसी संकल्प सिद्धि हेतु हम सब परम् पिता परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं ।